भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने डॉ अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में “Heartfelt - The Legacy of Faith" पुस्तक का विमोचन किया
बिना किसी डर के समाज और राष्ट्र को सशक्त बनाते हुए सच्चाई की लड़ाई तथा संतोष, दया, विनम्रता और प्यार के साथ सबको एक साथ लेकर आगे बढ़ने की राह गुरुनानक देव जी और दशम पिता गुरु गोबिंद सिंह जी सहित सभी महान सिख धर्मगुरुओं ने हमें दिखाई।
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आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार दशम पिता गुरु गोबिंद सिंह सहित सभी पूज्य धर्मगुरुओं के बताये रास्ते पर चलने का प्रयास कर रही है।
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हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का पवित्र सिख धर्म से विशेष लगाव राजनैतिक नहीं, बल्कि आत्मा का है, देशभक्ति से ओतप्रोत भावना का है। सिख धर्म का जो योगदान भारत को मजबूत बनाने में है, उसके प्रति समर्पण का भाव है हमारे प्रधानमंत्री जी का।
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ये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हैं जिन्होंने श्री श्री हरमंदिर साहिब के लिए एफसीआरए ग्रांट मंजूर किया, श्री श्री करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण कराया, लंगर पर से टैक्स हटाया, 343 बंधुओं को ब्लैक लिस्ट से निकाला और 1984 नरसंहार के गुनाहगारों को जेल में डाला।
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ये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हैं जिन्होंने धूमधाम से दशम पिता के सम्मान में 350वां प्रकाश पर्व मनाया, वीर साहिबजादों को सम्मान दिया और जालियांवाला बाग का पुनरुद्धार कराया।
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ये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हैं जिन्होंने देश के सभी उच्चायोगों के माध्यम से गुरुनानक देव जी की सीख को दुनिया भर में प्रचारित-प्रसारित करने शुरुआत की और पवित्र गुरबानी को विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में अनुवादित करके प्रचारित-प्रसारित करने का अभियान अपने हाथों में लिया।
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हमें ये समझना पड़ेगा कि आखिर आजादी के 70 सालों तक सिख धर्म के लिए सरकारों ने क्यों विशेष कदम नहीं उठाये? या तो उनकी सोच नहीं थी या इसके प्रति उनकी उदासीनता थी। क्यों श्री श्री हरमंदिर साहिब को पहले की सरकार ने एफसीआरए ग्रांट मंजूर नहीं किया?
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क्यों आजादी के 70 साल लग गए हमारे सिख भाइयों को करतारपुर साहिब का दर्शन करने में? श्री श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर बनाने का सौभाग्य भी आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के सहयोग से ही संभव हो पाया।
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जिस तरह से दूसरी सरकारों ने 1984 के सिख नरसंहार में पीड़ित सिख भाइयों के दर्द पर मरहम लगाने के बजाय दर्द को और भड़काने का पाप किया, उसकी जितनी भी निंदा की जाय, कम है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने एसआईटी जांच बिठाई और गुनाहगारों को जेल में डाला।
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कुछ राजनैतिक नेताओं को देशहित के विषय समझ में नहीं आते, इसलिए वे अनर्गल प्रलाप करते रहते हैं। अफगानिस्तान की आज की स्थिति को देखते हुए यह महसूस होता है कि सीएए कितना जरूरी था।
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मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूँ कि मुझे भी पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के सरूप को अपने सर पर रख कर दिल्ली में गुरुद्वारे में प्रतिस्थापित करने का महान अवसर प्राप्त हुआ।
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पश्चिमी पाकिस्तान से जो भाई जम्मू-कश्मीर आकर बस गए थे, उनके पास कोई अधिकार नहीं थे। धारा 370 ख़त्म कर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने उन्हें भी सम्मान से जीवन यापन का अधिकार दिया है।
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आजादी के संग्राम में जालियांवाल बाग का महत्व अतुलनीय है। माननीय प्रधानमंत्री जी ने जालियांवाल बाग का पुनरुद्धार कर उसे एक तीर्थस्थल के रूप में विकसित किया है।
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मैं न्यू इंडिया डेवलपमेंट फाउंडेशन और उनके फाउंडर सदस्यों को “Heartfelt-The Legacy of Faith” पुस्तक के प्रकाशन के लिए हार्दिक बधाई देता हूँ।
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न्यू इंडिया डेवलपमेंट (NID) फाउंडेशन समाज के एक प्रहरी के रूप में सरकार और समाज के कार्यों को लोगों के सामने लाने का प्रयास कर रहा है। साथ ही, कार्यक्रमों के इम्प्लीमेंटेशन में गैप्स को पहचान कर यह फाउंडेशन सलाह भी दे रहा है ताकि लास्ट माइल डिलीवरी सिस्टम को और मजबूत किया जा सके।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज गुरुवार को नई दिल्ली स्थित डॉ अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में एनआईडी (न्यू इंडिया डेवलपमेंट) फाउंडेशन के तत्वावधान में “Heartfelt-The Legacy of Faith” का विमोचन किया। इस अवसर पर माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष जी के साथ तख्तश्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब भाई रणजीत सिंह ज्ञानी और केंद्रीय मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी भी उपस्थित थीं। एनआईडी फाउंडेशन के चीफ पेट्रन श्री सतनाम जी और फाउंडेशन की फाउंडर हिमानी सूद भी उपस्थित थीं।
श्री नड्डा ने ‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल' के पवित्र उद्घोष के साथ अपने उद्बोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि मैं “Heartfelt-The Legacy of Faith” पुस्तक को प्रकाशित करने के साहसिक प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि मैं न्यू इंडिया डेवलपमेंट फाउंडेशन और उनके फाउंडर सदस्यों को बधाई देता हूँ। यह फाउंडेशन समाज के एक प्रहरी के रूप में सरकार और समाज के कार्यों को लोगों के सामने लाने का प्रयास कर रहा है। साथ ही, कार्यक्रमों के इम्प्लीमेंटेशन में जो गैप्स हैं, उन्हें पहचान कर यह फाउंडेशन सलाह भी दे रहा है ताकि लास्ट माइल डिलीवरी सिस्टम को और मजबूत किया जा सके। आज पवित्र बैसाखी भी है। हम सब गुरुनानक देव जी और गुरु गोबिंद सिंह जी सहित सभी दशम पिता से प्रेरणा लेते हुए देश के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। आज देश में सामाजिक न्याय के प्रणेता भारत रत्न बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर जी की भी जयंती है और ख़ुशी मुझे इस बात की है कि आज का यह कार्यक्रम डॉ अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में हो रहा है।
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि खालसा का मतलब - खालिस जो बिना किसी डर के समाज और राष्ट्र को सशक्त बनाते हुए आगे की राह दिखाए। सच्चाई की लड़ाई तथा संतोष, दया, विनम्रता और प्यार के साथ सबको एक साथ अपने में समावेश करते हुए आगे बढ़ने की राह जो पूज्य गुरुनानक देव जी ने दिया और बाद में दशम पिता ने उसे सृजना दिवस के रूप में प्रतिस्थापित किया - उसी राह पर आज हम सब चलने का प्रयास कर रहे हैं। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार भी उन्हीं के बताये रास्ते पर चलने का प्रयास कर रही है।
श्री नड्डा ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का पवित्र सिख धर्म के प्रति लगाव और पूरी दुनिया में सिख धर्म की प्रतिष्ठा के लिए उनका समर्पण, उनके व्यक्तित्व को रेखांकित करती है। जब श्री मोदी हिमाचल प्रदेश और पंजाब के प्रभारी थे, तब मुझे उनके साथ कार्य करने का अवसर मिला था। आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने तब पंजाब को काफी नजदीक से देखा, पंजाब और महान सिख धर्म को बहुत गहराई से समझा। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में भी उन्होंने सिख धर्म के लिए वह सब कुछ किया जो कुछ कर सकते थे। प्रधानमंत्री के बाद आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपनी सोच को कार्यरूप दिया और सिख धर्म की प्रतिष्ठा के लिए कई कदम उठाये जो अत्यंत ही सराहनीय हैं।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि हमें ये समझना पड़ेगा कि आखिर आजादी के 70 सालों तक सिख धर्म के लिए सरकारों ने क्यों विशेष कदम नहीं उठाये? या तो उनकी सोच नहीं थी या इसके प्रति उनकी उदासीनता थी। क्यों श्री श्री हरमंदिर साहिब को विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम की मंजूरी श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के आने से पहले नहीं दी गई थी जबकि इसकी मांग तो वर्षों से की जा रही थी। क्यों सिख समाज को अपने ही श्री श्री हरमंदिर साहिब के साथ जुड़ाव के लिए एफसीआरए ग्रांट से महरूम रखा गया? आज यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने श्री श्री हरमंदिर साहिब के लिए एफसीआरए ग्रांट मंजूर किया गया। अब तक लंगर पर भी टैक्स लगता था। मानवता के इतने बड़े कार्य पर टैक्स लगता था। किसी ने इसके बारे में नहीं सोचा। ये माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हैं जिन्होंने लंगर को टैक्स से मुक्त किया और सालाना 325 करोड़ रुपये का जीएसटी रिम्बर्स (Reimburse) लंगर पर दिया जा रहा है।
श्री नड्डा ने कहा कि यह बात हर मंच पर उठती है कि आजादी के समय यदि भारत सरकार ने चाहा होता तो पवित्र ननकाना साहिब भारत का अंग होता। आजादी के 70 साल लग गए हमारे सिख भाइयों को करतारपुर साहिब का दर्शन करने में। श्री श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर बनाने का सौभाग्य भी आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के सहयोग से ही संभव हो पाया। करतारपुर साहिब जाने के लिए पैसेंजर टर्मिनल भी बनाया गया, सुल्तानपुर लोधी रेलवे स्टेशन का भी आधुनिकीकरण भी किया गया, एक हाईपावर टेलिस्कोप भी लगाया गया।
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि देश के सभी उच्चायोगों के माध्यम से गुरुनानक देव जी की सीख को दुनिया भर में प्रचारित-प्रसारित करने की शुरुआत भी आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने की। पवित्र गुरबानी को विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में अनुवादित करके प्रचारित-प्रसारित करने का अभियान भी माननीय प्रधानमंत्री जी ने अपने हाथ में लिया है। उन्होंने पूरे देश में गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाश वर्ष को धूम-धाम से मनाया। इसके लिए बजट में अलग से आवंटन किया गया। माननीय प्रधानमंत्री जी ने जामनगर में दशम पिता के नाम पर 750 बेड्स का अस्पताल बनाया। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का पवित्र सिख धर्म से विशेष लगाव राजनैतिक नहीं बल्कि आत्मा का है और देशभक्ति से ओतप्रोत भावना का है। सिख धर्म का जो योगदान भारत को मजबूत बनाने में है, उसके प्रति समर्पण भाव है हमारे प्रधानमंत्री का।
श्री नड्डा ने बचपन का अपना एक संस्मरण सुनाते हुए कहा कि जब तख्तश्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में 300वां प्रकाश पर्व मनाया जा रहा था, तब मैं 11 साल का था और अपने माता-पिता के साथ लगभग 7 किमी पैदल चलते हुए पटना साहिब पहुंचा था मत्था टेकने। उन्होंने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि हमारे पूर्वज भी दशम पिता गुरु गोबिंद सिंह जी के साथ पटना से हिमाचल प्रदेश आये थे। आज भी वहां हमारी जमीन है। नडियाल में आज भी नड्डा रहते हैं। जब बार-बार आक्रमण होते थे तो ऐसा कहा जाता है कि हमारे पूर्वज वहां से हट कर बिलासपुर बस गए थे।
आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जिस तरह से दूसरी सरकारों ने 1984 के सिख नरसंहार में पीड़ित सिख भाइयों के दर्द पर मरहम लगाने के बजाय दर्द को और भड़काने का पाप किया गया, उसकी जितनी भी निंदा की जाय, कम है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने समाज में दरिंदगी करने वालों को जेल में डालने का काम किया, इस पर एसआईटी जांच बिठाई और दोषियों पर कार्रवाई की जबकि दूसरी सरकारों में गुनाहगार दनदनाते फिरते थे। साथ ही, हमारी सरकार ने पीड़ितों को पांच लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता और अपना स्थान छोड़ने वाले पीड़ितों के लिए भी अलग से आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया है।
श्री नड्डा ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने 345 लोगों में से 343 लोगों को ब्लैकलिस्ट से बाहर निकाला है। सीएए पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कुछ राजनैतिक नेताओं को देशहित के विषय समझ में नहीं आते, इसलिए वे अनर्गल प्रलाप करते रहते हैं। अफगानिस्तान की आज की स्थिति को देखते हुए यह महसूस होता है कि सीएए कितना जरूरी था। अफगानिस्तान में एक समय लगभग 50,000 सिख परिवार रह रहे थे, अब गिने-चुने लोग ही वहां हैं, इस बार भी कई सिख परिवारों को वहां से पलायन करना पड़ा है। मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूँ कि मुझे भी पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के सरूप को अपने सर पर रख कर दिल्ली में गुरुद्वारे में प्रतिस्थापित करने का महान अवसर प्राप्त हुआ। अफगानिस्तान के साथ-साथ पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी अपनी रक्षा के लिए भारत आये लोगों को सम्मान से रहने का अधिकार दिया हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने। पश्चिमी पाकिस्तान से जो भाई जम्मू-कश्मीर आकर बस गए थे, उनके पास कोई अधिकार नहीं थे। धारा 370 ख़त्म कर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने उन्हें भी सम्मान से जीवन यापन का अधिकार दिया है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि देश की आजादी में सिख गुरुओं और वीर साहिबजादों की शहादत का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने देश में जो जन-जागरण किया, उसी के बल पर आज हम आजाद हैं। आजादी के संग्राम में जालियांवाल बाग का महत्व अतुलनीय है। माननीय प्रधानमंत्री जी ने जालियांवाल बाग का पुनरुद्धार कर उसे एक तीर्थस्थल के रूप में विकसित किया है। अब वहां लाईट एंड साउंड प्रोग्राम भी आयोजित किये जाते हैं ताकि वर्तमान और आने वाली पीढ़ियाँ हमारे वीर सपूतों के त्याग और बलिदान से प्रेरणा लेकर देश के पुनर्निमाण में जुट सकें। मैं एक बार पुनः न्यू इंडिया डेवलपमेंट फाउंडेशन को हार्दिक धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने इन सभी बातों को विस्तार से तार्किक तरीके से कलमबद्ध किया है इस “Heartfelt-The Legacy of Faith” पुस्तक में। मैं उनके इस प्रगतिशील प्रयास की सराहना करता हूँ। उन्होंने विशेष रूप से तख्तश्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब भाई रणजीत सिंह ज्ञानी जी के प्रति अपना आभार प्रकट किया।
महेंद्र पांडेय
(कार्यालय सचिव)
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