Salient points of virtual press conference of BJP National Spokesperson Dr. Sambit Patra on 14.05.2021


14-05-2021
Press Release

 

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा की प्रेस वार्ता के मुख्य बिंदु

 

पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी आर्गेनाईजेशन (PESO) की रिपोर्ट से स्पष्ट है कि दिल्ली में हुए ऑक्सीजन संकट की मुख्य वजह केजरीवाल सरकार की गलतियां थीं। इसलिए केजरीवाल सरकार लगातार ऑक्सीजन ऑडिटिंग से इनकार करती रही क्योंकि इससे उनकी पोल खुल जाती।

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रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्र द्वारा दिल्ली को अतिरिक्त मात्रा में ऑक्सीजन दिया जा रहा था, यहाँ तक कि अन्य राज्यों से भी लेकर दिया जा रहा था लेकिन दिल्ली की केजरीवाल सरकार लिक्विड ऑक्सीजन को लगातार लौटा रही थी क्योंकि उनके पास स्टोरेज की सुविधा नहीं थी।

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अरविंद केजरीवाल की सरकार के मिसमैनेजमेंट के कारण दिल्ली में कई लोगों की जानें गई। हम सबने जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल और बत्रा हॉस्पिटल के प्रबंधक डॉक्टरों से केजरीवाल सरकार की नाकामियों को सुना है। यह दिल्ली सरकार की क्रिमिनल लायबिलिटी है।  

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रिपोर्ट में ऑक्सीजन सप्लायर के दावों को भी बताया गया है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने सप्लायरों से अतिरिक्त ऑक्सीजन ना भेजने को कहा था। दिल्ली के पास स्टोरेज फैसिलिटी न होने से टैंकर्स का टर्न अराउंड टाइम बढ़ गया जिसका खामियाजा पड़ोसी राज्यों को भी भुगतना पड़ा। 

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एक ओर तो केजरीवाल सरकार हरियाणा, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार पर ऑक्सीजन सप्लाय में रुकावट डालने का आरोप लगाती रही, वहीं दूसरी ओर वह उनसे दिल्ली के ऑक्सीजन को स्टोर करने की गुहार भी लगा रही थी। यह केजरीवाल सरकार की अकर्मण्यता नहीं तो और क्या है?

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दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 09 मई को Linde Faridabad को 74 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन वापस कर दिया। 10 मई को Air Liquide, Panipat दिल्ली के 38 मीट्रिक टन ऑक्सीजन को स्टोर करने का अनुरोध किया।

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10 मई को दिल्ली सरकार ने INOX Surajpurसे दिल्ली के 37 मीट्रिक टन ऑक्सीजन को स्टोर करने के लिए कहा। इसी दिन केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के कई ऑक्सीजन रीफिलर्स से भी लगभग 37.5 मीट्रिक टन को स्टोर करने के लिए कहा। 

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अरविंद केजरीवाल का काम करने का तरीका अनूठा है, यह देश जान चुका है। पहले तो हाहाकार मचाओ, जनता में पैनिक क्रियेट करो, प्रधानमंत्री जी पर, केंद्र पर, यूपी और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों पर आरोप लगाओ और मदद मिले तो हाथ खड़े कर दो कि हमें तो नहीं चाहिए। 

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दवाई भी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी दें, बेड्स भी केंद्र सरकार उपलब्ध कराये, ऑक्सीजन की डोरस्टेप डिलीवरी भी प्रधानमंत्री जी उपलब्ध कराएं लेकिन केजरीवाल जी इसके वितरण के लिए भी कुछ नहीं करेंगे। 

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श्रीमान अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जी, हमें उम्मीद है कि आप अपनी अकर्मण्यता और विफलता पर जवाब देंगे और जनता तथा अदालत से उन्हें गुमराह करने के लिए क्षमा भी मांगेंगे।

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने आज वर्चुअल माध्यम से एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया और केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली सरकार अपनी स्टोरेज क्षमता बढ़ाने और सप्लाई चेन दुरुस्त करने में नाकाम रही। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार अपनी नाकामियों और विफलताओं का ठीकरा केंद्र पर फोड़ती रही जबकि ग्राउंड लेवल पर मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने की दिशा में उसने कोई कदम नहीं उठाये।

 

डॉ पात्रा ने पेट्रोलियम एंड एक्स्प्लोसिव सेफ्टी आर्गेनाईजेशन (PESO) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा किदिल्ली में हुए ऑक्सीजन संकट की मुख्य वजह राज्य सरकार की गलतियां थीं, यह अब स्पष्ट हो चुका है।आज एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक में भी इस संदर्भ में विस्तार के खबर छपी है।

 

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि PESO की रिपोर्ट में दिल्ली में ऑक्सीजन संकट को लेकर विस्तार से तथ्यों के आधार पर विश्लेषण किया गया है। रिपोर्ट में पांच दिनों के पूरे सर्किल के बारे में बताया गया है, जिसमें दिल्ली के 64 अस्पतालों का रिव्यू किया गया है।रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्र द्वारा दिल्ली को अतिरिक्त मात्रा में ऑक्सीजन दिया जा रहा था, यहाँ तक कि अन्य राज्यों से भी लेकर दिया जा रहा था लेकिन दिल्ली की केजरीवाल सरकार लिक्विड ऑक्सीजन को लगातार लौटा रही थी क्योंकि उनके पास स्टोरेज की सुविधा नहीं थी।

 

डॉ पात्रा ने कहा किरिपोर्ट में ऑक्सीजन के सप्लायर के दावों को भी बताया गया है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने सप्लायरों से अतिरिक्त ऑक्सीजन ना भेजने को कहा था।इस रिपोर्ट में दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों का डाटा शामिल है, जिसमें सुबह और शाम के हिसाब से अस्पतालों के स्टोरेज में ऑक्सीजन की क्षमता को बताया गया है।

 

भाजपा प्रवक्ता ने कहा किआज से एक हफ्ते पहले दिल्ली में ऑक्सीजन की अतिरिक्त सप्लाई हो रही थी लेकिन दिल्ली इसे स्टोर नहीं कर पा रही थी। इससे टैंकर का टर्न अराउंड टाइम बढ़ गया था, इसका खामियाजा आस-पास के दूसरे राज्यों को भी भुगतना पड़ा।एक ओर तो केजरीवाल सरकार हरियाणा, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार पर ऑक्सीजन सप्लाय में रुकावट डालने का आरोप लगाती रही, वहीं दूसरी ओर वह चुपके-चुके सप्लायरों से अतिरिक्त ऑक्सीजन सप्लाय नहीं करने को कह रही थी। साथ ही, वह हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों से दिल्ली के ऑक्सीजन को स्टोर करने की गुहार भी लगा रही थी। यह केजरीवाल सरकार की अकर्मण्यता नहीं तो और क्या है?

 

डॉ पात्रा ने कहा कि केजरीवाल सरकार ऑक्सीजन की जरूरत को लेकर भी अलग-अलग बातें कर रही थी और उसने इसके बारे में दिल्ली की जनता और यहाँ तक कि अदालतों को भी गुमराह किया। कभी अरविंद केजरीवाल दिल्ली के लिए 730 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत बता रहे थे तो राघव चड्ढा 976 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत बता रहे थे लेकिन सच्चाई यह है कि दिल्ली को जो ऑक्सीजन दिया जा रहा था, दिल्ली सरकार उसे भी स्टोर करने में असमर्थ थी और उसे लौटा रही थी।

 

Details of excess LMO stored at various places: –

Date

Place

LMO Stored (in MT)

Remark

09.05.2021

Linde Faridabad

74

Out of 120 MT supplied directly to Delhi Govt. from Linde eastern sector plants, 74 MT was returned by Delhi Govt. to Linde Faridabad plant due to non-availability of storage space/less demand in Delhi.

10.05.2021

Air Liquide, Panipat

38

M/s Air Liquide was Requested by Delhi Govt. to store their 62 MT LMO everyday at their plants at Roorkee and Panipat.

10.05.2021

INOX Surajpur

37

M/s INOX was requested by Delhi Govt. to store 37 MT LMO at their Surajpur plant

10.05.2021

Various re-fillers of Delhi

37.5

Directed by Delhi Govt to store at their re-filling plants.

Source: PESO Report

 

भाजपा प्रवक्ता ने बताया किदिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 09 मई 2021 को ऑक्सीजन सप्लायर Linde Faridabad को कम डिमांड या स्टोरेज फैसिलिटी न होने के कारण 120 मीट्रिक टन में से 74 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन वापस कर दिया। अगले दिन, 10 मई को दिल्ली सरकार ने Air Liquide, Panipat से दिल्ली के 38 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन को उसके रुड़की और पानीपत के प्लांट में स्टोर करने का अनुरोध किया। इसी दिन दिल्ली सरकार ने INOX Surajpurसे उसे अपने सूरजपुर प्लांट में दिल्ली के 37 मीट्रिक टन ऑक्सीजन को स्टोर करने के लिए कहा। 10 मई को ही दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के कई ऑक्सीजन रीफिलर्स से भी लगभग 37.5 मीट्रिक टन को स्टोर करने के लिए कहा। मतलब यह कि दिल्ली को जो ऑक्सीजन आपूर्ति हो रही थी, उसे केजरीवाल सरकार ने ही लेने से मना कर दिया क्योंकि उनके पास स्टोरेज कैपिसिटी नहीं थी। 10 मई को केजरीवाल सरकार को Air Liquid से 190 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई लेकिन दिल्ली सरकार ने इसमें से 40 मीट्रिक टन ऑक्सीजन वापस कर दिया।

 

डॉ पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल का काम करने का तरीका अनूठा है, यह देश जान चुका है। पहले तो हाहाकार मचाओ, जनता में पैनिक क्रियेट करो, प्रधानमंत्री जी पर, केंद्र पर, यूपी और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों पर आरोप लगाओ और मदद मिले तो हाथ खड़े कर दो कि हमें तो नहीं चाहिए।मैं अरविन्द केजरीवाल से पूछना चाहता हूँ कि ऑक्सीजन के स्टोरेज की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है या नहीं? दवाई भी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी दें, बेड्स भी केंद्र सरकार उपलब्ध कराये, ऑक्सीजन की डोरस्टेप डिलीवरी भी प्रधानमंत्री जी उपलब्ध कराएं लेकिन केजरीवाल जी इसके वितरण के लिए भी कुछ नहीं करेंगे।यही कारण है कि केजरीवाल सरकार ऑक्सीजन ऑडिटिंग से पीछे हट रही थी क्योंकि यदि ये होता तो केजरीवाल सरकार की अकर्मण्यता, लापरवाही और नाकामियों की पोल खुल जाती।

 

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की सरकार के मिसमैनेजमेंट के कारण दिल्ली में कई लोगों की जानें गई। हम सबने जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल और बत्रा हॉस्पिटल के प्रबंधक डॉक्टरों को सुना है कि किस तरह दिल्ली सरकार और उसके अफसर ने हाथ खड़े कर दिए। यह दिल्ली सरकार की क्रिमिनल लायबिलिटी है।  अरविंद केजरीवाल जी को PESO की रिपोर्ट पर जवाब देना ही होगा।श्रीमान अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जी, हमें उम्मीद है कि आप अपनी अकर्मण्यता और विफलता पर जवाब देंगे और जनता तथा अदालत से उन्हें गुमराह करने के लिए क्षमा भी मांगेंगे।केजरीवाल जी, जमीन पर उतरिये, जनता के लिए काम कीजिये और अपने दायित्वों का निर्वहन कीजिये।

 

महेंद्र पांडेय

(कार्यालय सचिव)

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